शुभेंदु अधिकारी को आचार संहिता के उल्लंघन करने का आरोप

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कोलकाता। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष से कल सुबह 10 बजे तक कूचबिहार के सीतलकुची की घटना पर उनके बयान पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है। चुनाव आयोग ने भाजपा नेता राहुल सिन्हा पर अगले 48 घंटों तक किसी भी तरीके से चुनाव प्रचार करने से रोक लगा दी है। सिन्हा आज दोपहर 12 से 15 अप्रैल दोपहर 12 बजे तक प्रचार नहीं करेंगे। उन पर ये रोक चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार के सीतलकुची में हुई हिंसा पर विवादित बयान देने के बाद लगाई गई है। वहीं, चुनाव आयोग ने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी को भारत निर्वाचन आयोग ने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी को बीते 29 मार्च को दिए गए भाषण पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन करने के आरोप में नोटिस जारी किया है।

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सुवेंदु अधिकारी को उनके 29 मार्च को दिए गए भाषण के लिए चेतावनी

चुनाव आयोग ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी को उनके 29 मार्च को दिए गए भाषण के लिए चेतावनी दी है। इसके लिए उन्होंने 9 अप्रैल को जवाब दाखिल किया था। आयोग ने उन्हें सलाह दी है कि जब आदर्श आचार संहिता लागू है तो सार्वजनिक रूप से इस तरह के बयान देने से बचें। नोटिस में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने पाया है कि आदर्श आचार संहिता के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।

सिन्हा आज दोपहर 12 से 15 अप्रैल दोपहर 12 बजे तक प्रचार नहीं करेंगे

वहीं, हाबरा सीट से भाजपा के उम्मीदवार राहुल सिन्हा ने सोमवार को कथित तौर पर विवादित बयान में कहा था कि कूच बिहार के सीतलकुची में चार नहीं, बल्कि आठ लोगों को केंद्रीय बलों द्वारा गोली मार दी जानी चाहिए थी।चुनाव आयोग ने भाजपा नेता राहुल सिन्हा शुभेंदु अधिकारी पर अगले 48 घंटों तक किसी भी तरीके से चुनाव प्रचार करने से रोक लगा दी है। सिन्हा आज दोपहर 12 से 15 अप्रैल दोपहर 12 बजे तक प्रचार नहीं करेंगे। उन पर ये रोक चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार के सीतलकुची में हुई हिंसा पर विवादित बयान देने के बाद लगाई गई है।

राहुल सिन्हा ने कहा था कि

शीतलचुकी में चार की बजाय केंद्रीय बलों द्वारा आठ लोगों को मार दिया जाना चाहिए था। केंद्रीय बलों ने चौथे चरण के मतदान के दौरान सीतलकुची में सही कदम उठाया। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि केंद्रीय बल फिर से इसी तरह जवाब देंगे, अगर ऐसा सिताल्कुची में फिर से होता है।

एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा था कि

वहीं, पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष के रविवार को दिए बयान से नया विवाद खड़ा हो गया। एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा था कि अगर सीतलकूची में मारे गए शरारती लड़कों की तरह किसी ने कानून हाथ में लेने का प्रयास किया तो चुनावों के अगले चरण में भी कूचबिहार की तरह हत्याएं हो सकती हैं। इस पर तृणमूल कांग्रेस ने सख्त आपत्ति जताते हुए उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की थी। वहीं माकपा ने कहा था कि यह बयान भगवा दल के फासीवादी चेहरे को उजागर करता है।

बता दें, सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को चौथे चरण के मतदान के दौरान सीआईएसएफ के जवानों से कुछ लोगों द्वारा राइफलें छीनने का प्रयास करने के बाद केंद्रीय बल ने गोलीबारी की जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। घोष ने कहा था कि सीतलकूची में शरारती लड़कों को गोली लगी। अगर कोई भी अपने हाथ में कानून लेने का दु:साहस करता है तो उसके साथ भी ऐसा ही होगा। उन्होंने ‘शरारती लड़कों’ के बारे में विस्तार से नहीं बताया।उन्होंने कहा कि 17 अप्रैल को भी (पांचवें चरण के चुनाव के दिन) केंद्रीय बल मतदान केंद्रों पर तैनात रहेंगे। अगर उन्होंने अपने हाथ में कानून लेने का प्रयास किया तो सीतलकूची की तरह घटनाएं हो सकती हैं। उल्लेखनीय है कि घोष पहले भी कई विवादास्पद बयान दे चुके हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि

वहीं, पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि भाजपा नेता दिलीप घोष, राहुल सिन्हा सहित भाजपा के कई नेता कूच बिहार जैसी और घटनाओं की चेतावनी देकर हिंसा भड़का रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखा पत्रथा कि कहा भड़काऊ टिप्पणी के लिए भाजपा नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग कूचबिहार के शीतलकूची जैसी और घटनाओं की पुनरावृत्ति की धमकी दे रहे हैं, उन्हें राजनीतिक तौर पर पर प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

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