चीन की चुनौतियों से निपटने की तैयारी, आर्मी ने लदाख में किया युद्धाभ्यास, वायुसेना ने अरुणाचल में खोला लैंडिंग ग्राउंड

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नई दिल्ली:चीन से मिलने वाली सैन्य चुनौतियों के मद्देनजर भारतीय वायुसेना ने अरुणाचल प्रदेश में विजयनगर एएलजी (अडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड) को सेना के विमानों के लिए बुधवार को दोबारा खोल दिया। उधर, आर्मी ने बुधवार को ही पूर्वी लद्दाख के अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सैन्य अभ्यास किया। चुसुल में हुए इस सैन्य अभ्यास में टैंक, आर्टिलरी गन्स, ड्रोन्स, हेलिकॉप्टर्स और सैन्य टुकड़ियों ने भाग लिया। साथ ही, वायुसेना ने विमानों से जावनों की पैरा-ड्रॉपिंग भी की। इसे चंगथंग प्रहार का नाम दिया गया। चंगथंग पश्चिमी और उत्तरी तिब्बत में एक पठार का नाम है जो दक्षिण पूर्वी लद्दाख तक फैला हुआ है।

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अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने भरपूर विश्वास जताया

वैसे 12,000 फीट ऊंचाई पर हुआ यह सैन्य अभ्यास सैन्य बलों की संख्या और हथियारों के तैनाती के लिहाज से तो बड़ा नहीं था। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में आर्मी के शीर्ष अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने भरपूर विश्वास जताया कि अगर देश पर युद्ध थोपा गया तो चीन के साथ लगे एलएसी और पाकिस्तान से लगे एलओसी की देखरेख करने वाला नॉर्दर्न कमांड सर्वोत्तम प्रदर्शन की अपनी परंपरा कायम रखेगा। उन्होंने कहा, ‘नए वेपन सिस्टम्स और हाइटेक इक्विपमेंट मिलने से भारतीय सेना की मारक क्षमता हर दिन बढ़ रही है।’ उन्होंने सैन्य टुकड़ियों से चौकस रहने और सैन्य अभियानों के लिए हमेशा तैयार रहने की हिदायत दी।

अगले माह होगा बड़ा युद्धाभ्यास

सेना अगले महीने अरुणाचल प्रदेश में ‘हिम विजय’ के नाम से एक बड़ा सैन्य अभ्यास करने जा रही है। थल सेना इसमें वायुसेना के साथ सामंजस्य से अपने नए समेकित युद्ध समूहों (इंटेग्रेटिड बैटल ग्रुप्स) की पहाड़ी इलाकों में युद्ध क्षमता का परीक्षण करेगी। यह युद्धाभ्यास करीब-करीब उसी वक्त होगा जब चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनौपाचारिक बातचीत के लिए भारत दौरे पर होंगे।

लगातार मजबूत हो रही है सेना

वायुसेना ने विजयनगर एएलजी पर बुधवार को एक एएन- 32 एयरक्राफ्ट भी उतारा। इसका मकसद देश के सुदूर पूर्व इलाके में सेना के ट्रासंपोर्ट एयरक्राफ्ट की कनेक्टिविटी फिर से बहाल करना है। विजय नगर एएलजी ऐसा लैंडिंग ग्राउंड है जहां सड़क मार्ग से वाहन के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता है। वायुसेना ने लद्दाख के पूर्व क्षेत्र (न्योमा, डीबीओ और फुक्चे) स्थित अडवांस्ड लैंडिग ग्राउंड्स (एएलजी) के अलावा पिछले कुछ वर्षों में अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट, मेचुका, वालोंग, अलोंग, जीरो और तुतिंग में भी एएलजी ऐक्विवेट किए हैं। इसका मकसद दूर-दराज से सीमाई इलाके में सैन्य टुकड़ियों को पहुंचाने और रसद की आपूर्ति में तेजी लाना है।

पिछले सप्ताह चीनी सेना से हुई थी तनातनी

अधिकारियों ने कहा कि विजयनगर एएलजी म्यांमार के साथ लगी सीमा की देखरेख में भी मददगार होगा। एक अधिकारी ने बताया, ‘इस एयरफील्ड पर बड़े ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की आवाजाही से इस इलाके के विकास को भी गति मिलेगी और स्थानीय लोगों की यातायात सुविधा में भी इजाफा होगा।’ गौरतलब है कि
पिछले सप्ताह भारत और चीन के सैनिकों के बीच पंगोंग त्सो के समीप पूर्वी लद्दाख में तनातनी हुई। यह घटना तब हुई जब चीनी सेना के जवानों ने इलाके में भारतीय सैनिकों द्वारा गश्त किए जाने पर आपत्ति जताई। सेना के सूत्रों ने बताया कि बुधवार को दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में यह मुद्दा हल किया गया।

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