नरेश बंसल को अध्यक्ष बनाये जाने से भाजपा को कितना फायदा

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देहरादून। संवाददाता। लोकसभा चुनाव के दौरान नरेश बसंल को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष मनोनीत किये जाने को लेकर राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं है। कई लोगों की सोच है कि भाजपा ने नरेश बंसल को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी गैर पहाड़ी मतदाताओं को लुभाने के मद्देनजर सौंपी गयी है।

प्रदेश भाजपा संगठन की बात की जाये या फिर सरकारों की, राज्य गठन के बाद से लेकर अब तक के इतिहास पर नजर डाली जाये तो सभी अहम पदों पर पहाड़ के लोगों का कब्जा रहा है। भाजपा के सभी लोकसभा प्रत्याशियों से लेकर संगठन प्रमुख भी पहाड़ी ही रहे है। नरेश बंसल को भाजपा ने दो हजार से आज तक चुनाव में एक बार भी टिकट नहीं दिया और अचानक उन्हे प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा दिया गया।

भाजपा द्वारा हालांकि इस मामले में तर्क तो यही दिया जा रहा है कि अजय भट्ट जो नैनीताल से चुनाव लड़ रहे है चुनाव प्रचार में व्यस्त है इसलिए उन्हे संगठन का अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि अभी नरेश बंसल कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत किये गये है। लेकिन अभी स्थिति साफ नहीं है कि अजय भट्ट चुनाव के बाद भी पद पर बने रहेगें या नहीं। लेकिन नरेश बसंल को प्रदेश अध्यक्ष पद पर मनोनीत किये जाने के पीछे अहम कारण वह गैर पहाड़ी वोटर ही है जिस पर भाजपा की नजर है।

उत्तराखण्ड की टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार तथा नैनीताल सीट ऐसी है जिनमें बड़ी संख्या में गैर गढ़वाली वोटर है अगर राजधानी दून व हरिद्वार तथा उधमसिंह नगर जनपदों की बात करें तो यहंा 15 से 20 फीसदी गैर गढ़वाली मतदाता है। नरेश बसंल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने गैर पहाड़ी मतदाताओं को यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि भाजपा सूबे में सभी को साथ लेकर चलती है, उन्हे सम्मान देती है। देखना यह होगा कि नरेश बंसल को अध्यक्ष बनाये जाने से भाजपा को कितना फायदा होता है।

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