केदारनाथ 29 अप्रैल,बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलेंगे

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देहरादून। बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले दोनों धाम के रावल (मुख्य पुजारी) व नायब रावल और उनके सेवादारों को दो सप्ताह का समय क्वारंटाइन में बिताना होगा। बदरीनाथ के रावल व नायब रावल इन दिनों केरल और केदारनाथ के रावल कर्नाटक में हैं।

चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी से बचाव के दृष्टिगत निर्णय लिया गया है कि सभी रावल, उनके सेवादारों और पुजारियों का चिकित्सकीय परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चारधाम के कपाट तय समय पर खुलेंगे।

गंगोत्री,यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया पर 26 अप्रैल को खुलने हैं

चारधामों में गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया पर 26 अप्रैल को खुलने हैं, जबकि केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलेंगे। चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य ममगांई के अनुसार कपाट खुलने के दरम्यान और इसके बाद कोरोना महामारी से बचाव के दृष्टिगत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मंदिरों में पूजा-अर्चना करने वाले सभी रावल एवं उनके सेवादारों एवं पुजारियों के चिकित्सकीय परीक्षण कराने के संबंध में उनकी चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के जिला प्रशासन से वार्ता हो चुकी है।

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उन्होंने कहा कि बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग का भी चिकित्सकीय परीक्षण होना जरूरी है। बदरीनाथ धाम के रावल, नायब रावल और उनके दो सेवादार इन दिनों केरल में रह रहे हैं, जबकि केदारनाथ के रावल एवं उनके निजी सेवक कर्नाटक में हैं।

इन धामों के कपाट खुलने के दौरान रावल, नायब रावल सहित उनके विभागीय एवं निजी सेवक बदरीनाथ व केदारनाथ पहुंचेंगे। लिहाजा, सरकारी एडवाइजरी के अनुरूप कपाट खुलने से पहले यथा समय सभी को 14 दिन क्वारंटाइन में रखा जाना आवश्यक है।

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