किसानों ने किया विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन

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मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर तहसील रुड़की में एक दिवसीय धरना दिया। किसानों ने इस दौरान मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एएसडीएम नरेंद्र भंडारी को दिया। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष विकेश चैधरी के नेतृत्व में काफी संख्या में किसान सुबह तहसील रुड़की पहुंचे। किसानों ने कर्ज माफी, स्वामी नाथन की रिपोर्ट तुरंत लागू करने, शुगर मिल में बाहर से आने वाले गन्ने को तुरंत बंद करने, किसानों का गन्ना भुगतान तुरंत करने एवं चकबंदी जल्द पूरी कराने आदि की मांग की।

इस मौके पर प्रदीप कुमार, ऋषिपाल, सुनील तोमर, राममूर्ति, विशाल राणा, अजय पाल, सतेंद्र, रवि कुमार, गय्यूर हसन, संजय थिथकी, नीटू आदि मौजूद रहे। उधर, उत्तराखंड किसान मोर्चा की ओर से सिविल लाइंस में आयोजित बैठक में भी किसानों ने कर्ज माफी की मांग उठाई। बैठक की अध्यक्षता चैधरी धर्मवीर प्रधान और संचालन मोहम्मद आजम ने किया।

एमबीबीएस छात्रों ने किया कक्षाओं का बहिष्कार

मंगलवार को श्री गुरु राम राय मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत एमबीबीएस के छात्रों ने फीस वृद्धि के खिलाफ आदोलन का बिगुल फूंक दिया है। छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। फीस बढ़ोत्तरी वापस लेने की माग करते हुए उन्होंने कॉलेज गेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। बुधवार से एमडी-एमएस के छात्र भी इस आंदोलन में शामिल होंगे।

राज्य सरकार ने हाल ही में कैबिनेट बैठक में निजी मेडिकल कॉलेजों को इस आधार पर फीस तय करने का अधिकार दे दिया कि वे यूनिवर्सिटी हैं। इसमें स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी का हिमालयन मेडिकल कॉलेज, एसजीआरआर यूनिवर्सिटी का एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज और सुभारती यूनिवर्सिटी का सुभारती मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। अब इन कॉलेजों ने फीस लगभग चार गुना तक बढ़ा दी है। जिस कारण छात्र मानसिक दबाव में हैं। क्योंकि गत वर्ष उन्हें एमबीबीएस में दाखिला शपथ पत्र लेकर दिया गया था।

यह इकरारनामा इस बात का था कि फीस बढ़ी तो उन्हें देनी होगी। छात्रों के सामने एक समस्या और भी है कि वे सीट छोड़ने की भी स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में नियमानुसार उन्हें पूरे कोर्स की फीस चुकानी होगी। इन छात्रों ने जिस वक्त दाखिला लिया तब फीस पाच लाख रुपये सालाना थी। हॉस्टल व मेस चार्ज आदि मिलाकर यह करीब साढ़े सात लाख थी। यह अब बढ़कर 19 लाख पहुंच गई है।

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