लद्दाख से मात्र 500 किमी दूरी पर चीन ने तैनात कीं परमाणु मिसाइलें

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इस मिसाइल की मारक क्षमता करीब 4 हजार किलोमीटर तक है और इसकी जद में भारत के ज्‍यादातर शहर आते हैं

पेइचिंग: लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच चीन ने भारतीय सीमा से सटकर बड़े पैमाने पर अपनी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलें DF 26/21 तैनात कर दी हैं। सैटलाइट से मिली तस्‍वीरों से पता चला है कि चीन ने अपने श‍िनजियांग प्रांत के कोर्ला सैन्‍य ठिकाने पर DF-26/21 मिसाइलें तैनात की हैं। तस्‍वीरों में ये मिसाइलें बिल्‍कुल साफ नजर आ रही हैं। इस मिसाइल की मारक क्षमता करीब 4 हजार किलोमीटर तक है और इसकी जद में भारत के ज्‍यादातर शहर आते हैं।

ओपन इंटेलिजेंस सोर्स Detresfa की ओर से जारी ये सैटलाइट तस्‍वीरें इस साल जून महीने में ली गई हैं। फेडरेशन ऑफ अमेरिकी साइंटिस्‍ट की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कुर्ला बेस पर पहली मिसाइल अप्रैल 2019 और दूसरी मिसाइल अगस्‍त 2019 में तैनात की गई थी। चीनी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक DF-26 मिसाइलों से लैस चीनी सेना की 646 वीं ब्रिगेड को पहली बार अप्रैल 2018 में तैनात करने का ऐलान किया गया था। इसके बाद जनवरी 2019 में चीनी मीडिया ने घोषणा की थी कि DF-26 मिसाइलों के साथ चीन के पश्चिमोत्‍तर पठारी इलाके (भारत से सटे) में युद्धाभ्‍यास किया गया है।

भारत के मुकाबले चीन के परमाणु हथियारों की संख्‍या काफी अधिक

अमेरिकी वैज्ञानिकों का मानना है कि भारत के मुकाबले चीन के परमाणु हथियारों की संख्‍या काफी अधिक है। चीन जल्‍द ही फ्रांस को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे अधिक परमाणु हथियारों वाला देश बन जाएगा। चीन के परमाणु हथियारों संख्‍या पिछले 15 साल में दोगुनी हो गई है। चीन अगले एक दशक में इन परमाणु हथियारों की संख्‍या को काफी बढ़ाने जा रहा है। उन्‍होंने कहा क‍ि चीन के बढ़ते परमाणु हथियारों से उसके पड़ोसी देशों की बेचैनी बढ़ गई है।

परमाणु हथियारों पर नजर रखने वाली अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍था सिप्री की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने ही पिछले साल अपने परमाणु हथियारों के जखीरे में इजाफा किया है। सिप्री की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास 150 और चीन के पास 320 परमाणु हथियार हैं। चीन ने पिछले एक साल में 30 परमाणु हथियार बढ़ाए हैं, वहीं भारत ने 10 एटम बम।

परमाणु और परंपरागत हथियार ले जाने में सक्षम है DF-26

चीन की DF-26/21 मिसाइल की मारक क्षमता करीब 4 हजार किलोमीटर तक है और इसकी जद में भारत के ज्‍यादातर शहर आते हैं। चीन ने इसे लद्दाख से मात्र 500 किलोमीटर की दूरी पर तैनात किया है। यह मिसाइल अपनी दोहरी क्षमता के लिए दुनियाभर में कुख्‍यात है। DF-26 परमाणु और परंपरागत दोनों ही तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है। इसकी इसी क्षमता के कारण दुश्‍मन को यह समझना मुश्किल होगा कि कौन सी मिसाइल परमाणु हथियार लेकर आ रही है।

लद्दाख से 500 क‍िमी दूर है चीनी बेस

DF-26/21 की इसी मारक क्षमता के कारण इसे चीन की ‘गुआम किलर’ मिसाइल कहा जाता है। गुआम जापान के पास अमेरिका का नेवल बेस है। चीन ने वर्ष 2015 अपनी सैन्‍य परेड में पहली बार इस मिसाइल को दुनिया के सामने पेश किया था। इस मिसाइल का जिम्‍मा अब चीनी सेना के रॉकेट फोर्स के पास है। भारत के पास इसके टक्‍कर की अग्नि-4 और अग्नि-5 मिसाइले हैं। ताजा रिपोर्ट के मुता‍बिक चीन के पास करीब 80 DF-26 मिसाइल लॉन्‍चर हैं जिनमें कुल 80 से 160 मिसाइलें हैं।

चीन ने तैनात किए लंबी रेंज के परमाणु बॉम्बर, क्रूज मिसाइल

एक ओर जहां चीनी विदेश मंत्रालय लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ शांति और स्थिरता कायम करने का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर पीपल्स लिबरेशन आर्मी और एयरफोर्स लगातार अपनी तैयारी बढ़ा रहे हैं। मिसाइलों के साथ-साथ चीन की एयरफोर्स ने काशगर एयरपोर्ट पर परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम लंबी दूरी के बमवर्षक विमान H-6 को तैनात किया है। ओपन इंटेलिजेंस सोर्स Detresfa की सैटलाइट इमेज में दिखाई दिया है कि एयरबेस पर रणनीतिक बॉम्बर और दूसरे असेट भी तैनात हैं।

लद्दाख से यहां की दूरी को देखकर आशंका जताई गई है कि भारत से तनाव के चलते तैनाती की गई है। सैटलाइट तस्वीरों में दिखाया गया है कि इस बेस पर 6 शियान H-6 बॉम्बर हैं जिनमें से दो 2 पेलोड के साथ हैं। इनके अलावा 12 शियान Jh-7 फाइटर बॉम्बर हैं जिनमें से दो पर पेलोड हैं। वहीं, 4 शेनयान्ग J11/16 फाइटर प्लेन भी हैं जिनकी रेंज 3530 किलोमीटर है। इसके साथ ही चीन ने KD-63 लैंड अटैक क्रूज मिसाइल को भी यहां तैनात किया है। H-6 बॉम्‍बर से दागे जाने वाली इन मिसाइलों की रेंज करीब 200 किलोमीटर है।

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