केदारनाथ से उड़ान भरते समय हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलट समेत छह यात्री थे सवार

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रुद्रप्रयाग, केदारनाथ से उड़ान भरते समय हेलीकॉप्टर का दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बचा। हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा जमीन पर टकरा गया, जिससे वो अनियंत्रित हो गया। गनीमत रही कि इसमें सवार लोगों कोकिसी तरह की कोई चोट नहीं आई।

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दरअसल, यूटी एयर हवाई कंपनी का हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भर रहा था। तभी अचानक हेलीकॉप्टर अनियंत्रित हो गया और उसका पिछला हिस्सा हैलीपैड पर टकराने से दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त हेलीकॉप्टर में पायलट समेत छह यात्री सवार थे। हेलीकॉप्टर सवार सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

केदारनाथ में पहले भी हो चुके हैं हेलीकॉप्टर क्रैश

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की ये पहली घटना नहीं है। साल 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान भी रेस्क्यू करते हुए वायु सेना के एमआइ-17 हेलीकॉप्टर समेत तीन हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुुए थे। इन दुर्घटनाओं में 23 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। बता दें कि 16/17 जून 2013 को केदारनाथ में हुई भारी तबाही के बाद 19 जून को केंद्र सरकार ने वायु सेना को वहां रेस्क्यू की जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद नौ दिनों तक वायु सेना ने केदारनाथ धाम की पहाड़ियों पर रेस्क्यू कर हजारों लोगों की जान बचाई।

इस बीच वायु सेना को नुकसान भी झेलना पड़ा। 25 जून 2013 को वायु सेना का एमआइ-17 हेलीकॉप्टर गौचर से गुप्तकाशी होते हुए आपदा में मारे गए लोगों के दाह-संस्कार को लकड़ी लेकर केदारनाथ पहुंचा था। केदारनाथ में लकड़ी छोड़कर जब वह हेलीकॉप्टर वापस लौट रहा था तो अचानक मौसम खराब हो गया। इस कारण गौरीकुंड के पास दोपहर लगभग दो बजे हेलीकॉप्टर पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया।

इस हादसे की सूचना शाम साढ़े चार बजे मिल पाई और दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर को ढूंढने में भी दो दिन लग गए। इस हेलीकॉप्टर में सवार सभी 20 लोग काल का ग्रास बन गए थे। इनमें वायु सेना के दो पायलट समेत पांच क्रू-मेंबर, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिवादन बल) के नौ सदस्य और आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के छह सदस्य शामिल थे।

पायलट समेत तीन लोगों की मौत

इस हादसे के मात्र तीन दिन बाद 28 जून को केदारनाथ से दो किमी दूर गरुड़चट्टी के पास एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर भी क्रैश हो गया। हादसे में पायलट व को-पायलट समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। यह हेलीकॉप्टर भी राहत एवं बचाव कार्य में लगा हुआ था। इससे पूर्व 19 जून को रेस्क्यू के दौरान जंगलचट्टी में भी एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हालांकि, इस दुर्घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।

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