Special Parliament Session : भवन बदला है, भाव और भावना भी बदलनी चाहिए’ – पीएम

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Special Parliament Session :  संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। आज से संसद की कार्यवाही नए संसद भवन में शुरू हो गई। इससे पहले सांसदों (Special Parliament Session) ने पुराने संसद भवन में फोटोशूट कराया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की प्रति लेकर नए भवन में प्रवेश किया।

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‘अभी चुनाव तो दूर हैं और जितना समय हमारे पास बचा है संसद के इस मौजूदा कार्यकाल में। मैं पक्का मानता हूं कि यहां जो व्यवहार करेगा, यह निर्धारत करेगा कि कौन यहां बैठेगा, कौन वहां बैठेगा। जो वहां बैठे रहना चाहता है, उसका व्यवहार क्या होगा, इसका फर्क आने वाले समय में देश देखेगा।’

‘हमारा भाव जैसा होता है, वैसा ही घटित होता है’

‘हमारा भाव जैसा होता है, वैसे ही कुछ घटित होता है। यद् भावं तद भवति…! मुझे विश्वास है कि भावना भीतर जो होगी, हम भी वैसे ही भीतर बनते जाएंगे। भवन बदला है, भाव भी बदलना चाहिए, भावनाएं भी बदलनी चाहिए। संसद राष्ट्रसेवा का स्थान है। यह दलहित के लिए नहीं है। हमारे संविधान निर्माताओं ने इतनी पवित्र संस्था का निर्माण दलहित के लिए नहीं, देशहित के लिए किया है। नए भवन में हम सभी अपनी वाणी, विचार, आचार से संविधान की आत्मा के अनुसार काम करें। हमारा पूरा प्रयास रहेगा और मैं चाहूंगा कि सदन के नेता के नाते हम सभी सांसद आपकी आशा-अपेक्षा पर खरे उतरें और अनुशासन का पालन करें।’

पीएम मोदी ने श्रमिकों को दिया धन्यवाद

‘जिस डिजिटल बुक में सभी श्रमिकों का रिकॉर्ड रखा गया है, ताकि सभी को पता रहे कि भारत के किस कोने से किसने इस सदन के निर्माण में पसीना बहाया है। मैं इस मौके पर 140 करोड़ देशवासियों की तरफ से, लोकतंत्र की महान परंपरा की तरफ से श्रमिकों का धन्यवाद करता हूं।’

पंडित नेहरू को किया याद

‘यह संसद नए रंग रूप के साथ प्रस्तुत है। सब कुछ नया है, लेकिन यहां पर कल और आज को जोड़ती हुई बहुत बड़ी विरासत का प्रतीक भी मौजूद (Special Parliament Session) है। वह नया नहीं है, पुराना है। वह आजादी की पहली किरण का स्वयं साक्षी रहा है, वह आज हमारे बीच उपस्थित है। यह हमारे समृद्ध इतिहास को जोड़ता है। जब हम नए संसद में प्रवेश कर रहे हैं, तब यहां आजादी की पहली किरण का साक्षी रहा पवित्र सेंगोल यहां मौजूद है। यह वही सेंगोल है, जिसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू का स्पर्श हुआ था। यह पंडित नेहरू के हाथों में पूजा विधि करके आजादी के प्रारंभ पर इसे सौंपा गया था। तमिलनाडु की महान परंपरा का यह प्रतीक तो है ही, यह देश की एकता का भी प्रतीक है। जो पवित्र सेंगोल पंडित नेहरू के हाथों में शोभा देता था, आज हम सभी की प्रेरणा का कारण बन रहा है, इससे बड़ा गर्व क्या होगा।’

पीएम मोदी ने देशवासियों से की क्षमा याचना

‘गणेश चतुर्थी के साथ संवत्सरी का भी अवसर है। इसे क्षमावाणी का भी पर्व कहते हैं, जिसमें मिच्छामी दुक्कड़म भी कहते हैं। मन, कर्म, वचन से जाने-अनजाने में दुख पहुंचाया है तो उसकी क्षमायाचना का अवसर है। मेरी तरफ से भी पूरी विनम्रता के साथ और पूरे हृदय से सभी संसद सदस्यों और पूरे देशवासियों को मिच्छामी दुक्कड़म कहता हूं।’

पीएम मोदी का संबोधन

‘सभी सांसदों और देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। प्रथम दिवस के प्रथम सत्र में आपने मुझे बात रखने का अवसर दिया, इसका आभारी हूं। इस नए संसद भवन में आप सभी माननीय सांसदों (Special Parliament Session) का हृदय से स्वागत करता हूं। यह अवसर कई मायनों में अभूतपूर्व है। आजादी के अमृतकाल का यह उषाकाल है। भारत अनेक सिद्धियों के साथ नए संकल्प लेकर नए भवन में अपना भविष्य तय करने के लिए आगे बढ़ रहा है। विज्ञान जगत में चंद्रयान-3 की गगनचुंबी सफलता हर देशवासी को गर्व से भर देती है। भारत की अध्यक्षता में जी20 का असाधारण विश्व में प्रभाव डाल चुका है। यह अवसर भारत के लिए बना है। इसी आलोक में आज आधुनिक भारत और प्राचीन लोकतंत्र के प्रतीक नई संसद का शुभारंभ हुआ है। सुखद संयोग है कि यह गणेश चतुर्थी का शुभ दिन है। गणेशजी शुभता और सिद्धि के देवता हैं। गणेशजी विवेक और ज्ञान के भी देवता हैं। इस पावन दिवस पर हमारा यह शुभारंभ संकल्प से सिद्धि की ओर से नए विश्वास के साथ यात्रा आरंभ करने का है। आज लोकमान्य तिलक की याद आना स्वाभाविक है। आजादी के आंदोलन में गणेशोत्सव को एक सार्वजनिक गणेशोत्सव के रूप में प्रस्थापित कर पूरे देश में सुराज्य की अलख जगाने का माध्यम बनाया था। लोकमान्य तिलक ने स्वराज्य की बात की थी, आज हम समृद्ध भारत की प्रेरणा के साथ आगे बढ़ रहे हैं। सभी देशवासियों को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।’

नए संसद भवन में शुरू हुई कार्यवाही

पीएम मोदी और सभी सांसद नए संसद भवन पहुंच चुके हैं और सभी सांसदों ने अपना-अपना स्थान ग्रहण कर लिया है। लोकसभा स्पीकर के संबोधन के साथ कार्यवाही शुरू हुई और इसके साथ ही देश के लोकतंत्र में नए अध्याय की शुरुआत हो गई है।

नए संसद भवन की तरफ रवाना हुए पीएम मोदी-सांसद

पीएम मोदी सेंट्रल हॉल में संबोधन (Special Parliament Session) के बाद नए संसद भवन की ओर रवाना हो गए। उनके साथ-साथ लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष-विपक्ष के सभी सांसद पीछे-पीछे चलते दिखे।

पीएम मोदी ने देशवासियों को दी गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं

संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों और देशवासियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराना, फिर एक बार संकल्प बद्ध होना और उसका परिपूर्ण करने के लिए जी जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।”

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