Pithoragarh : ‘शिव धाम’ नहीं गुंजी गांव में बनेगा ‘कैलाश धाम’

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पिथौरागढ़। Pithoragarh :  पिथौरागढ़ जिले में प्रस्तावित शिव धाम का नाम बदल कर कैलाश धाम किया जाएगा। अब इसे शिव धाम की जगह अब इसे कैलाश धाम नाम दिया जाएगा। बता दें कि देश में एक ही नाम से दो धाम हो जाने के चलते नाम बदलने का फैसला लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊं पर्वत और आदि कैलाश दर्शनों के बाद प्रदेश सरकार धारचूला तहसील के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र को तेजी से विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है।

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अंतिम चरण में है कार्य

कैलाश धाम 60 हेक्टेयर भूमि में बनेगा। भूमि चयन की कार्रवाई अंतिम चरण में हैं। कैलाश धाम में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के रहने के लिए आवासीय सुविधाओं के विकास के साथ ही क्षेत्र के विशेषताओं से परिपूर्ण आर्ट गैलरी, कैलाश मानसरोवर, आदि कैलाश, ऊं पर्वत आदि से जुड़ी फोटो गैलरी।

पीएम मोदी के आने के बाद से विकास की लहर तेज

अंतरिक्ष के नजारों को देखने के लिए वेधशाला आदि का निर्माण कराया जायेगा। कैलाश धाम (Pithoragarh) बन जाने के बाद इस क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। पिथौरागढ़ में पीएम मोदी के आने के बाद से विकास की लहर तेज हो गई है।

आदि कैलाश और ऊं पर्वत दर्शन के लिए जाने वाले यात्री वर्ष 2025 तक डबल लेन सड़क पर सफर करेंगे। सड़क के चौड़ीकरण का कार्य निजी कंपनी जल्द शुरू करेगी। बता दें कि वर्ष 2001 में तवाघाट से लिपुलेख तक सिंगल लेन सड़क तैयार कर ली गई थी। वहीं 2001 से पहले इस क्षेत्र के लोगों के साथ ही कैलाश मानसरोवर, आदि कैलाश, ऊं पर्वत जाने वाले लोगों के साथ ही सीमा की सुरक्षा में मुस्तैद जवानों को पैदल ही आवागमन करना पड़ता था। इस क्षेत्र के महत्व को देखते हुए करीब 80 किमी. सड़क बनाई गई है। सड़क तैयार होने के बाद अब इसे डबल लेन में तब्दील करने की कवायद भी शुरू हो गई है।

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