Uniform Civil Code Bill : विधानसभा में पास हुआ यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल

122

Uniform Civil Code Bill : उत्तराखंड विधानसभा सत्र का आज अहम दिन है। सदन में यूसीसी बिल पारित हो सकता है। विधानसभा में भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत प्राप्त है। उसके 47 सदस्य हैं। कुछ निर्दलीय विधायकों का भी उसे समर्थन प्राप्त है। ऐसे में बिल का पारित होना तय है।

Arvind Kejriwal : अरविंद केजरीवाल को झटका, 17 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का निर्देश

सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी बिल भी सर्वसम्मति से पास हो गया। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में पीएम मोदी को सदन ने शुभकामनाएं भेजी। साथ ही सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है।

उत्तराखंड ने आज इतिहास रच दिया। विधानसभा (Uniform Civil Code Bill) में चर्चा के बाद आज समान नागरिक संहिता का बिल ध्वनिमत से पास हो गया।

महिलाओं का उत्पीड़न रुकेगा

इस संहिता में विवाह की आयु जहां एक ओर सभी युवकों के लिए 21 वर्ष रखी गई है, वहीं सभी युवतियों के लिए इसे 18 वर्ष निर्धारित किया गया है। ऐसा करके हम उन बच्चियों का शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न रोक पाएंगे। अब इस कानून के जरिए दंपती में से यदि कोई भी, बिना दूसरे की सहमति से अपना धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से विवाह विच्छेद करने और गुजारा भत्ता लेने का पूरा अधिकार होगा।

जिस प्रकार से अभी तक जन्म व मृत्यु का पंजीकरण होता था, उसी प्रकार की प्रक्रिया को अपनाकर विवाह और विवाह विच्छेद दोनों का पंजीकरण भी किया जा सकेगा। हमारी सरकार के सरलीकरण के मंत्र के अनुरूप यह पंजीकरण एक वेब पोर्टल के माध्यम से भी किया जा सकेगा।

सीएम ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विकसित भारत का सपना देख रहे हैं। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। उनके नेतृत्व में यह देश तीन तलाक और धारा-370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के पथ पर है। समान नागरिक संहिता का विधेयक पीएम द्वारा देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है।

सूसीसी के इस विधेयक में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है। हमनें संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत वर्णित हमारी अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा है, जिससे उन जनजातियों का और उनके रीति रिवाजों का संरक्षण किया जा सक।

महिला सुरक्षा व सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण अध्याय

सीएम धामी ने कहा कि संविधान सभा ने इससे संबंधित विषयों को संविधान की समवर्ती सूची का अंग बनाया है। जिससे केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अपने राज्य के लिए समान नागरिक संहिता पर कानून बना सकें। आखिर क्यों आजादी के बाद अधिक समय तक राज करने वाले लोगों ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के बारें में विचार तक नहीं किया। वे राष्ट्रनीति को भूलकर सिर्फ और सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति करते रह। कहा कि हमारी माताओं-बहनों के इंतजार की घड़िया अब समाप्त होने जा रही हैं।

उत्तराखंड इसका साक्षी बनने जा रहा है जिसके निर्माण के लिए इस प्रदेश की मातृशक्ति ने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। हमारी सरकार का यह कदम संविधान में लिखित नीति और सिद्धांत के अनुरूप है। यह महिला सुरक्षा तथा महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण अध्याय है।

सीएम धामी बोले- यह देवभूमि का सौभाग्य जो यह अवसर मिला

उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी विधेयक पर चर्चा की। उन्होंने इसे ऐतिहासिक विधेयक बताया। कल से लगातार इस विधेयक पर सार्थक चर्चा हुई है। यह कोई सामान्य विधेयक नहीं है। वास्तव में देव भूमि उत्तराखंड का सौभाग्य है जो यह अवसर मिला है।

भारत में कई बड़े प्रदेश हैं लेकिन यह अवसर उत्तराखंड को मिला है। हम सब इस बात को लेकर गौरान्वित हैं कि हमें इतिहास लिखने का अवसर मिला। साथ ही देवभूमि से देश को दिशा दिखाने का अवसर इस सदन के प्रत्येक सदस्य को मिला। यह कोई साधारण विधेयक नहीं है बल्कि भारत की एकात्मा का सूत्र है।

हमारे संविधान शिल्पियों ने जिस अवधारणा के साथ हमारा संविधान बनाया था, देवभूमि उत्तराखंड से वही अवधारणा धरातल पर उतरने जा रही है। इस अवसर पर सीएम धामी ने देशवासियों को बधाई दी। कहा कि आज उत्तराखंड की विधायिका एक इतिहास रचने जा रही है। उत्तराखंड और देश के हर नागरिक को गर्व की अनुभूति हो रही है।

सत्ता पक्ष के विधायक रख रहे यूसीसी पर अपनी बात

सदन में यूसीसी को लेकर चर्चा जारी है। अब सत्ता पक्ष के विधायक यूसीसी पर अपनी बात रख रहे हैं।

ऐतिहासिक क्षण का सबको बेसब्री से इंतजार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव (Uniform Civil Code Bill) के दौरान चुनाव दृष्टिपत्र जारी होने के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी। उन्होंने भाजपा के सत्ता में वापसी करने के बाद सबसे पहले समान नागरिक संहिता के मामले में निर्णय लेने का एलान भी किया था। सत्ता में आने के बाद पहली ही कैबिनेट में धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया था। आज उस ऐतिहासिक क्षण का सबको बेसब्री से इंतजार है। जब सदन में यूसीसी बिल पास होगा।

30 बैठकों में रायशुमारी के बाद ड्राफ्ट तैयार

दशकों से एक बड़ा वर्ग देश में एक समान कानून लागू करने की वकालत कर रहा है। छोटे से राज्य उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू करने का बड़ा फैसला लिया। उसके इस फैसले पर देश और दुनिया की निगाह है। करीब ढाई लाख सुझावों और 30 बैठकों में रायशुमारी के बाद ड्राफ्ट तैयार किया गया है।

सबके हित में यूसीसी : सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) सबके हित में है और किसी को भी चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। समान नागरिक संहिता का प्रदेश और देशवासियों को लंबे समय से प्रतीक्षा थी।

PM Modi Speech : पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना; बोले- मेरे विचार और सपने आजाद

Leave a Reply